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Showing posts from May, 2017

ये बात

ये बात परसों से दो दिन पहले की ही तो है जब रोज़ के सूनसान चेहरे से हटकर एक डरी-डरी-सी मुस्कान दी थी तुमने फिर बातों-बातों में पता चला कि कागज़ के फूल तो तुम्हें भी अच्छे लगे थे और अमृता से 'रसीदी टिकट' तुमने भी ले रखा था इतवार को नुक्कड़ की जलेबी के संग छनकर हर बार कई किस्से मीठे हुए मगर जब पिछले मोड़ पर रास्ते घूमे तो घर तक का सफ़र कुछ तनहा हो गया आज जब कभी खिड़की से झाँककर देख लेता हूँ तो कतरा-कतरा हम दोनों को उन्हीं गलियों में छूटा पाता हूँ।

स्कूल की नोटबुक के पीछे

स्कूल की नोटबुक के पीछे एक नाम लिखकर के काटा था आज नन्ही बिटिया को उसी नाम से पुकारता हूँ। दिपेश कुमार

The ancient history of india

सिंधुघाटी सभ्यता कांस्य युग सिंधु घाटी सभ्यता का विकास ताम्र पाषाण युग में ही हुआ था, पर इसका विकास अपनी समकालीन सभ्यताओं से कहीं अधिक हुआ । इस काल में भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर पश्चिम में 2500 ई.पू. से 1700 ईं पू. के बीच एक उच्च स्तरीय सभ्यता विकसित हुई जिसकी नगर नियोजन व्यवस्था बहुत उच्च कोटि की थी । लोगो को नालियों तथा सड़को के महत्व का अनुमान था । नगर के सड़क परस्पर समकोण पर काटते थे । नगर आयताकार टुकड़ो में बंट जाता था । एक सार्वजनिक स्नानागार भी मिला है जो यहां के लोगो के धर्मानुष्ठानों में नहाने के लिए बनाया गया होगा । लोग आपस में तथा प्राचीन मेसोपोटामिया तथा फ़ारस से व्यापार भी करते थे ।लोगों का विश्वास प्रतिमा पूजन में था । लिंग पूजा का भी प्रचलन था पर यह निश्चित नहीं था कि यह हिन्दू संस्कृति का विकास क्रम था या उससे मिलती जुलती कोई अलग सभ्यता । कुछ विद्वान इसे द्रविड़ सभ्यता मानते हैं तो कुछ आर्य तो कुछ बाहरी जातियों की सभ्यता । सिंधु घाटी सभ्यता(३३००-१७०० ई.पू.) यह हड़प्पा संस्कृति विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। इसका विकास सिंधु नदी के

blog se paise kase kamaye

https://www.youtube.com/watch?v=1ifScI7ICUo

मैं आपको दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश से नरेन्द्र मोदी तक के ईतिहास से परिचित कराना चाहता हुँ*

*🚩मैं आपको दिल्ली सल्तनत गुलाम वंश से नरेन्द्र मोदी तक के ईतिहास से परिचित कराना चाहता हुँ* *👉गुलाम वंश* 1=1193 मुहम्मद  गौरी 2=1206 कुतुबुद्दीन ऐबक 3=1210 आराम शाह 4=1211 इल्तुतमिश 5=1236 रुकनुद्दीन फिरोज शाह 6=1236 रज़िया सुल्तान 7=1240 मुईज़ुद्दीन बहराम शाह 8=1242 अल्लाउदीन मसूद शाह 9=1246 नासिरुद्दीन महमूद  10=1266 गियासुदीन बल्बन 11=1286 कै खुशरो 12=1287 मुइज़ुदिन कैकुबाद 13=1290 शमुद्दीन कैमुर्स 1290 गुलाम वंश समाप्त् (शासन काल-97 वर्ष लगभग ) *👉खिलजी वंश* 1=1290 जलालुदद्दीन फ़िरोज़ खिलजी 2=1296 अल्लाउदीन खिलजी 4=1316 सहाबुद्दीन उमर शाह 5=1316 कुतुबुद्दीन मुबारक शाह 6=1320 नासिरुदीन खुसरो  शाह 7=1320 खिलजी वंश स्माप्त (शासन काल-30 वर्ष लगभग ) *👉तुगलक  वंश* 1=1320 गयासुद्दीन तुगलक  प्रथम 2=1325 मुहम्मद बिन तुगलक दूसरा   3=1351 फ़िरोज़ शाह तुगलक 4=1388 गयासुद्दीन तुगलक  दूसरा 5=1389 अबु बकर शाह 6=1389 मुहम्मद  तुगलक  तीसरा 7=1394 सिकंदर शाह पहला 8=1394 नासिरुदीन शाह दुसरा 9=1395 नसरत शाह 10=1399 नासिरुदीन महमद शाह दूसरा दुबारा सता पर 11=1413 दोलतशाह

मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने,

मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने, उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने, मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको, बातों बातों में बात टाल दी उसने..

जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की

जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की, बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की, बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है, पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की..

मोहब्बत ने हर गम सहना सीखा दिया,

मोहब्बत ने हर गम सहना सीखा दिया, मुस्कुराती आँखों को बहना सीखा दिया, अक्सर महफ़िलों में गूँजती थी आवाज़ हुमारी, ये प्यार है जिसने हूमें चुप रहना सीखा दिया..

ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है,

ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है, शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है, कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती, किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है..

कुछ लोग दिल पर इस तरह असर कर जाते ह

कुछ लोग दिल पर इस तरह असर कर जाते हैं, टूटे हुए शीशों मे भी साबुत नज़र आते हैं, मिलते तो हैं घड़ी भर के लिए, मगर दिल में उतर जाते हैं..

एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे

एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे , मत सोचना हम आपको भूल जायेंगे, बस एक बार आसमान के तरफ देखना, मेरे पैगाम सितारों पर लिखे नज़र आएंगे..

ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा

ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा, तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा, कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन तुम जिसको चाहो वो खुश नसीब होगा..

इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है,

इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है, इतनी मुस्कराहट क्यों जब दिल्लगी की बात है, जो दूर जाता है उसकी भी कोई मजबूरी होगी, केवल आपकी ही नही उसकी भी मोहब्बत अधूरी होगी..

तमन्ना करते हो जिन खुशियों की, दुआ है वह खुशिया आपके कदमो मे हो, खुदा आपको वह सब हक़ीक़त मे दे, जो कुछ आपके सपनो में हो..

तमन्ना करते हो जिन खुशियों की, दुआ है वह खुशिया आपके कदमो मे हो, खुदा आपको वह सब हक़ीक़त मे दे, जो कुछ आपके सपनो में हो.. दुआ है वह खुशिया आपके कदमो मे हो, खुदा आपको वह सब हक़ीक़त मे दे, जो कुछ आपके सपनो में हो..

कौन कहता है माँ का कलेजा दुनिया में सबसे नरम है,

कौन कहता है माँ का कलेजा दुनिया में सबसे नरम है, मैंने बेटियों की विदाई में अक्सर पिता को टूटते देखा है….।।