इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है,
इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है,
इतनी मुस्कराहट क्यों जब दिल्लगी की बात है,
जो दूर जाता है उसकी भी कोई मजबूरी होगी,
केवल आपकी ही नही उसकी भी मोहब्बत अधूरी होगी..
इतनी उदासी क्यों जब नसा- ए- शाम आपके पास है,
इतनी मुस्कराहट क्यों जब दिल्लगी की बात है,
जो दूर जाता है उसकी भी कोई मजबूरी होगी,
केवल आपकी ही नही उसकी भी मोहब्बत अधूरी होगी..
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