चारो और ठंडी हवाये चल रही है

 आज

आसमान मे

कुछ बदल छाए हुए है


और वो

मुस्कुराते हुए

अपनी आंखे चुराते हुए

एक तितली को पकड़ रही है


चारो और

ठंडी हवाये चल री है


और वो


अपनी बांहे फैलाकर

आंखे बंद करके

भागते हुए

हर कदम के साथ

उस हवा को जीती जारी है


चारो और हरियाली लहरा रही है


और वो


अपनी मुस्कुराहट से उसे

छेड़ते हुए

अपने पहने कपड़ो

मे खूब इठला रही है


पेड़ पर कुछ

चिड़ियऐ चहक रही है


और वो


उनके साथ मिलकर

अपनी भौहो से इशारा करके

सवाल कर रही है


और पूछ रही है

कि

क्यों

सोच रहा है

कोई उसे इतना

क्यों

वो इतना सब कुछ रही है

किसी के

खवाबो मे.......

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