हम खुद बेचा करते कभी दर्देदिल की दवा, आज वक़्त ने हमें ला खड़ा किया हमारी ही दूकान पर.
तेरी तलाश में निकलूँ भी तो किआ फायदा, तू बदल गया है खोया होता तो अलग बात थी
हिजाब विवाद के बीच सबसे ज्यादा ' जो सवाल उठ रहा है , वह यह है कि इस्लाम में हिजाब को लेकर क्या व्यवस्था है । इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है या नहीं इसे समझने के लिए कुछ लेख पर्याप्त नहीं हैं । इस मुद्दे को सही से समझना है तो कई किताबें पढ़ने की जरूरत होगी । इसके बाद हिजाब और नकाब के बीच के अंतर को समझा जा सकता है । सुन्नी समुदाय में चार प्राथमिक विचारधाराएं हैं हनफी , मलिकी , शाफी और हनबली हनफियों और मलिकियों का मानना है कि महिला के चेहरे और हाथों को ढकना अनिवार्य नहीं है , जबकि इमाम शाफी और हनवली विचारधारा के अनुयायियों का कहना है कि महिला को पूरी तरह से ढका होना चाहिए । इस्लाम में आस्था एक व्यक्तिगत मामला है । इस्लामी शिक्षा दो चीजों के बारे में स्पष्ट है : आस्था और सामाजिक व्यवस्था । व्यक्ति की अपनी आस्था होती है लेकिन उसे समाज में कैसे रहना है , इसका भी ध्यान रखना चाहिए । एक हदीस से सीख मिलती है कि वह काम करना जिससे सकारात्मक नतीजा निकले और वह काम छोड़ देना , जिसका प्रभाव नकारात्मक हो । पैगंबर साहब पर कुरान की जो पहली आयत आई , वह थी ' पढ़ो ! ' ( इकरा ) जिस पर सभी विद्वान ...
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