विद्यार्थी UPSC की तैयारी कैसे करे

* कैसे करें  शुरुआत तैयारी की  *
( #Guidelines_for_beginners)

             जैसे ही कोई विद्यार्थी UPSC की तैयारी करने का मन बनाता है तो सबसे पहला प्रश्न उसके सामने यही होता है कि शुरूआत कैसे की जाए । आखिर इतना बड़ा सिलेबस , इतने सारे प्रश्न-पत्र , जी. एस.  में लगभग सारी दुनिया कवर करनी है , कौन सी किताब पढ़े , कौन से लेखक की किताब होनी चाहिए ,क्या पढ़ें क्या ना पढ़े ,  कठिन चीजें समझ में आएंगी कि नहीं आयेंगी ,  ऐसे तमाम तरह के प्रश्न हर एक विद्यार्थी जो कि UPSC की तैयारी करने की सोच रहा है , उसके मन में आते ही आते हैं । तो आइए इस पोस्ट में ऐसे ही प्रश्नों से जूझते हुए कुछ सरल निष्कर्षों पर पहुंचने का प्रयास करते हैं ।
               चलिए हम एक ऐसे विद्यार्थी की कल्पना करते हैं जिसे UPSC के बारे में बस इतना पता है कि यहीं वह परीक्षा है जिसे पास करने पर IAS , IPS इत्यादि बनते हैं और उसे इस परीक्षा को पास करना है । तो उसे सबसे पहले इस परीक्षा का सिलेबस और परीक्षा का पैटर्न पता करना होगा ।उसे पता करना होगा कि परीक्षा में कितने पेपर होते हैं । इस के लिए सबसे बेहतर होगा कि UPSC की बेबसाइट से सिलेबस डाऊनलोड करके उसे बढ़िया से समझ लिया जाए कि क्या क्या पढ़ना है और कितने पेपर की परीक्षा देनी है । आपको पता चलेगा कि  सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा में एक GS का और एक CSAT का प्रश्न पत्र होता है और फिर मुख्य परीक्षा में भी मुख्यतः GS और कोई एक वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्र होते हैं । अतः यह एक बात तो तय हो जाएगी कि UPSC की परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन या GS ही सबसे महत्वपूर्ण है , तो तैयारी की शुरुआत भी इसी से होनी चाहिए । आखिर सबसे पहले तो प्रारंभिक परीक्षा में GS के प्रश्नपत्र से ही सामना होगा ।
              जैसा कि आप जानते हैं कि सामान्य अध्ययन किसी एक विषय का नाम नही है बल्कि इतिहास , भूगोल , राजनीति शास्त्र, विज्ञान इत्यादि कई सारे विषय मिल कर सामान्य अध्ययन बनते हैं । अतः GS की पूर्ण तैयारी के लिए इन सभी विषयों की एक आधारभूत जानकारी तो होनी चाहिए । इसलिए सर्वप्रथम विद्यार्थी को हरेक विषय की NCERT की किताबों से शुरुआत करनी चाहिए । मेरी राय में हर विषय की आठवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की NCERT की किताबें पर्याप्त हैं । हाँ,  अगर किसी विषय में आपको लगे कि ये तो बिल्कुल ही समझ में नहीं आ रहा या बहुत ही कठिन है तो आप छ्ठी कक्षा की पुस्तक से भी शुरुआत कर सकते हैं । उदाहरण के लिए कई विद्यार्थी भूगोल की छठी और सातवीं कक्षा की किताब भी पढ़ते हैं ।
             अब यहां एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है । प्रथम यह कि कई सारे लोग इस तरह की बातों से आप को भटकाने की कोशिश करेंगे की नई वाली एनसीईआरटी मत पढ़ो , पुरानी वाली पढ़ो । यह मत पढ़ो , वह पढ़ो । यह अच्छा है, वह अच्छा नहीं है इत्यादि इत्यादि ।  यकीन मानिए इन बातों का सिवाय कोरी लफ्फाजी के कोई विशेष महत्व नहीं है । इन सब बातों पर ध्यान दिए बिना आठवीं कक्षा से लेकर 12वीं तक की सारी एनसीईआरटी की किताबें ले आइए और उन्हें पढ़ डालिए ।
        दूसरी बात आप यह ध्यान रखिए कि पहले आप किसी एक विषय से शुरुआत कीजिए । उसी विषय की आठवीं कक्षा की किताब , फिर उसी विषय की नवीं कक्षा वाली , फिर उसी विषय के 10वीं और इस प्रकार पहले एक विषय को बारहवीं तक पूरा कीजिए फिर दूसरे विषय की किताब को आठवीं से शुरू कर के 12वीं तक खत्म कीजिए । उदाहरण के लिए आप पहले आठवीं कक्षा के इतिहास को पढ़िए, फिर 9 वीं कक्षा के इतिहास को पढ़िए , फिर 10 वीं कक्षा के इतिहास को पढ़िए , फिर ग्यारहवीं , फिर 12वीं और इस प्रकार एक बार जब इतिहास की सारी किताबें आपने पढ़ ली तब किसी और अन्य विषय जैसे भूगोल को शुरू कीजिए । मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि तैयारी के प्रथम चरण में आपको पढ़ने की आदत बनानी पड़ेगी और एक ही विषय की किताबों को कक्षा दर कक्षा लगातार पढ़ने से आप उत्सुकतावश पढ़ते जाएंगे । इससे दूसरा फायदा यह होगा कि जब आप एक विषय की आठवीं से बारहवीं तक की सारी किताबों को पढ़ चुके होंगे , तब उस विषय विशेष में आपका एक समुचित स्तर या आधार बन चुका होगा और फिर आप उस विषय के साथ पर्याप्त कंफर्टेबल हो चुके होंगे ।
            तीसरी बात आप यह ध्यान रखिए कि आप सरल विषय से शुरुआत कीजिए । ऐसा मत करिए कि सीधे सबसे पहले अर्थशास्त्र की किताब पढ़नी ही शुरू कर दी । क्योंकि किसी कठिन विषय से ही पढ़ने की शुरुआत करने से ऐसा हो सकता है कि चीजे ठीक से समझ में न आये और शुरुआत में ही पढ़ाई से मन उचटने लगे । वैसे भी UPSC की तैयारी एक हाई जंप की तरह नहीं होती कि एक  बार में ही कूद  गए , बल्कि सीढ़ियों की तरह होती है जिसे एक एक सीढ़ी करके चढ़ना होता है । मेरी राय में इतिहास की किताबों से पढ़ना शुरू किया जा सकता है । उसके बाद अपनी रुचि या बैकग्राउंड के आधार पर भूगोल या विज्ञान या राजनीति शास्त्र या अन्य कोई विषय को शुरू कीजिए । कहने का तात्पर्य बस यह है कि आप धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़े । सीढ़ियां जंप करने की कोशिश में अक्सर नुकसान ही होता है ।
              चौथी बात यह की कई बार लोग सोचते हैं कि मैंने तो इंजीनियरिंग किया है या मेरा बैकग्राउंड साइंस है तो मैं आठवीं नौवीं क्लास की साइंस की किताब को क्यों पढूँ । यह सब तो मुझे आता ही है । इसी प्रकार आर्ट्स बैकग्राउंड के लोग इतिहास भूगोल की किताबें पढ़ने में झिझकते या शर्माते हैं । मेरी राय में इन भूलों से बचिए । क्योंकि एनसीईआरटी की किताबों में कई ऐसी आधारभूत बातें मिल जाती हैं जो आपकी हायर स्टडीज में नहीं होती , लेकिन UPSC वैसी ही  बेसिक बातों पर सवाल पूछ देता है । इसलिए बिना झिझक या शर्म के NCERT की सारी किताबें पढ़ डालिए , विषयवार और कक्षा दर कक्षा । न हीं आप कक्षाएं जंप करिये न हीं विषय। हाँ , यह आपकी मर्जी है कि आप अपने पास उपलब्ध समय के अनुसार नोट्स या शार्ट नोट्स या पॉइंटेड नोट्स बनाना चाहें तो बनाएँ या ना बनाएँ ।
             NCERT की किताबों के बाद अगला बेसिक या शुरूआती चीज है  कोई भी एक राष्ट्रीय स्तर की खबरों की कवरेज देने वाला न्यूज़ पेपर या अखबार । बस यह ध्यान रखें कि आप  स्थानीय अखबारों का चुनाव ना करें । आप वैसे अखबार को ही वरीयता दें जो राष्ट्रीय स्तर की खबरों को पर्याप्त कवरेज देता है । अंग्रेजी माध्यम में The Hindu इस दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । हिंदी माध्यम में आप कोई भी अखबार चुन सकते हैं बस आप पढ़ते समय यह सावधानी जरूर बरतें कि स्थानीय खबरों पर समय ना दे या कम समय दे तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की खबरों पर विशेष ध्यान दें । अखबार पढ़ते समय भी आपका उद्देश्य समय बचाना और कम समय में ज्यादा आउटपुट पाना होना चाहिए । इसलिए आप अपने समय की उपलब्धता के आधार पर मुख्यपृष्ठ या प्रथम पृष्ठ तथा संपादकीय पृष्ठ जिन पर आलेख छपे रहते हैं, पर विशेष ध्यान दें तथा अन्य पृष्ठों को बस सरसरी निगाह से देखते हुए निपटा दे । आलेख पढ़ते हुए उस मुद्दे के विश्लेषण पर ध्यान दें तथा सिर्फ एक तठस्थ पाठक की तरह पढ़ने की बजाय खुद उस मुद्दे की विश्लेषण क्षमता अर्जित करने का प्रयास करें ।
             तैयारी की शुरुआत में आवश्यक तीसरी और अंतिम चीज है करंट अफेयर्स या समसामयिक मुद्दों का पर्याप्त विश्लेषण प्रस्तुत करने वाली एक मासिक पत्रिका । बाजार में कई सारी पत्रिकाएं उपलब्ध हैं लेकिन उनमें से कुछ ही UPSC के स्तर का कंटेंट या पाठ्य सामग्री उपलब्ध करा पाते हैं । अतः आप अपने आस पास उपलब्धता के आधार पर एक यूपीएससी की तैयारी के लिए ही समर्पित पत्रिका का चयन करें । पत्रिका ऐसी होनी चाहिए जो आपको सिर्फ खबरें ना परोसे बल्कि उन पर पर्याप्त विश्लेषण वाले आलेख तथा UPSC के लिए उपयोगी अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराएं ।
              अर्थात अब तक की सारी बातों के निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि एक बिगिनर को तैयारी की शुरुआत में तीन आयाम एक साथ लेकर चलने होते हैं ।पहला एनसीईआरटी की किताबें , दूसरा प्रतिदिन का  अखबार और तीसरा एक मासिक पत्रिका । अब प्रश्न उठता है कि इनमें समय का बँटवारा या टाइम मैनेजमेंट कैसे करें । मेरी सलाह तो यह होगी कि आप अखबार को सुबह-सुबह ही 30 से 40 मिनट समय देते हुए निपटा दें । उसमें जो महत्वपूर्ण ख़बरें या पॉइंट्स आपको मिले , आप उनको अपनी सुविधानुसार एक छोटे से नोट बुक पर नोट भी कर सकते हैं या छोड़ भी सकते हैं । इसके बाद प्रतिदिन कम से कम 2 घंटा एनसीईआरटी की किताबों पर अवश्य दें तथा अब इसके बाद आपके पास जितना समय बचता है उसे पत्रिका और NCERT में अपनी सुविधा और रुचि अनुसार बांटे । हाँ , यह बात अवश्य ध्यान रखें की मासिक पत्रिका आपको एक महीने के अंदर ही खत्म होनी चाहिए । ऐसा नहीं होना चाहिए कि पत्रिका खरीदे हुए आपको एक महीना बीत गया लेकिन आप अभी तक उसे पूरा पढ़ नहीं पाए हैं । तात्पर्य बस इतना है कि अगर आपने तैयारी की शुरुआत कर दी है तो  एक उसूल बनाइए कि कुछ भी बकाया नहीं रखना है । नया अंक आने के पहले पुराना अंक पढ़ कर खत्म कर देना है । जैसे आज का अखबार आज ही खत्म होगा । इस महीने की मैगजीन इस महीने ही खत्म होगी । यह उसूल तब भी लागू होगा जब आप कोई कोचिंग क्लास ज्वाइन करेंगे अर्थात अगर आज कक्षा में मैंने कोई चीज पढ़़ी है तो उसका रिवीजन मैं आज ही कर लूंगा । या अगर आज कक्षा में मुझे कोई पाठ्य सामग्री मिली है तो अगली पाठ्य सामग्री मिलने के पहले मैं इसको पढ़कर खत्म कर दूंगा । खैर कोचिंग ज्वाइन करने इत्यादि के बारे में हम किसी और आलेख में विस्तार से चर्चा करेंगे । फिलहाल हम वापस तैयारी के शुरुआत वाले विषय पर ही लौटते हैं ।
              तो अब तक की समस्त चर्चा का सार यह है की तैयारी की शुरुआत आपको GS पढ़ने से करनी चाहिए ,  आपको पढ़ने की आदत बनानी चाहिए तथा शुरुआत में ऐसी चीजें पढ़नी चाहिए जो आगे की पढ़ाई का आधार बनाएं । इस आधार निर्माण में एनसीईआरटी की किताबें अपनी प्रमुख तथा अपरिहार्य भूमिका निभाएंगी । इन किताबों के साथ आप प्रतिदिन एक राष्ट्रीय स्तर का अखबार और हर माह एक मासिक पत्रिका पढ़ने की आदत अभी से डालें और यह आदत जब तक आपका चयन नहीं हो जाता है तब तक बनी रहेगी ।  यूपीएससी की तैयारी में अखबार और मासिक पत्रिका की भूमिका अपरिहार्य है । ऐसा इसलिए क्योंकि UPSC साधारण प्रश्नों को भी करंट अफेयर्स के मुद्दों से जोड़़कर पूछता है  जिनका उत्तर आप तभी दे पाएंगे जब आप में करंट अफेयर्स के मुद्दों का विश्लेषण करने की क्षमता पर्याप्त हो और यह क्षमता अखबार के संपादकीय आलेखों और पत्रिका के आलेखों के अध्ययन और मनन से ही आती हैं।
          उम्मीद है अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी शुरू करना चाहते हैं तो यह आलेख आपको शुरुआत कराने में मददगार साबित होगा
#अज्ञात* कैसे करें  शुरुआत तैयारी की  *
( #Guidelines_for_beginners)

             जैसे ही कोई विद्यार्थी UPSC की तैयारी करने का मन बनाता है तो सबसे पहला प्रश्न उसके सामने यही होता है कि शुरूआत कैसे की जाए । आखिर इतना बड़ा सिलेबस , इतने सारे प्रश्न-पत्र , जी. एस.  में लगभग सारी दुनिया कवर करनी है , कौन सी किताब पढ़े , कौन से लेखक की किताब होनी चाहिए ,क्या पढ़ें क्या ना पढ़े ,  कठिन चीजें समझ में आएंगी कि नहीं आयेंगी ,  ऐसे तमाम तरह के प्रश्न हर एक विद्यार्थी जो कि UPSC की तैयारी करने की सोच रहा है , उसके मन में आते ही आते हैं । तो आइए इस पोस्ट में ऐसे ही प्रश्नों से जूझते हुए कुछ सरल निष्कर्षों पर पहुंचने का प्रयास करते हैं ।
               चलिए हम एक ऐसे विद्यार्थी की कल्पना करते हैं जिसे UPSC के बारे में बस इतना पता है कि यहीं वह परीक्षा है जिसे पास करने पर IAS , IPS इत्यादि बनते हैं और उसे इस परीक्षा को पास करना है । तो उसे सबसे पहले इस परीक्षा का सिलेबस और परीक्षा का पैटर्न पता करना होगा ।उसे पता करना होगा कि परीक्षा में कितने पेपर होते हैं । इस के लिए सबसे बेहतर होगा कि UPSC की बेबसाइट से सिलेबस डाऊनलोड करके उसे बढ़िया से समझ लिया जाए कि क्या क्या पढ़ना है और कितने पेपर की परीक्षा देनी है । आपको पता चलेगा कि  सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा में एक GS का और एक CSAT का प्रश्न पत्र होता है और फिर मुख्य परीक्षा में भी मुख्यतः GS और कोई एक वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्र होते हैं । अतः यह एक बात तो तय हो जाएगी कि UPSC की परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन या GS ही सबसे महत्वपूर्ण है , तो तैयारी की शुरुआत भी इसी से होनी चाहिए । आखिर सबसे पहले तो प्रारंभिक परीक्षा में GS के प्रश्नपत्र से ही सामना होगा ।
              जैसा कि आप जानते हैं कि सामान्य अध्ययन किसी एक विषय का नाम नही है बल्कि इतिहास , भूगोल , राजनीति शास्त्र, विज्ञान इत्यादि कई सारे विषय मिल कर सामान्य अध्ययन बनते हैं । अतः GS की पूर्ण तैयारी के लिए इन सभी विषयों की एक आधारभूत जानकारी तो होनी चाहिए । इसलिए सर्वप्रथम विद्यार्थी को हरेक विषय की NCERT की किताबों से शुरुआत करनी चाहिए । मेरी राय में हर विषय की आठवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की NCERT की किताबें पर्याप्त हैं । हाँ,  अगर किसी विषय में आपको लगे कि ये तो बिल्कुल ही समझ में नहीं आ रहा या बहुत ही कठिन है तो आप छ्ठी कक्षा की पुस्तक से भी शुरुआत कर सकते हैं । उदाहरण के लिए कई विद्यार्थी भूगोल की छठी और सातवीं कक्षा की किताब भी पढ़ते हैं ।
             अब यहां एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है । प्रथम यह कि कई सारे लोग इस तरह की बातों से आप को भटकाने की कोशिश करेंगे की नई वाली एनसीईआरटी मत पढ़ो , पुरानी वाली पढ़ो । यह मत पढ़ो , वह पढ़ो । यह अच्छा है, वह अच्छा नहीं है इत्यादि इत्यादि ।  यकीन मानिए इन बातों का सिवाय कोरी लफ्फाजी के कोई विशेष महत्व नहीं है । इन सब बातों पर ध्यान दिए बिना आठवीं कक्षा से लेकर 12वीं तक की सारी एनसीईआरटी की किताबें ले आइए और उन्हें पढ़ डालिए ।
        दूसरी बात आप यह ध्यान रखिए कि पहले आप किसी एक विषय से शुरुआत कीजिए । उसी विषय की आठवीं कक्षा की किताब , फिर उसी विषय की नवीं कक्षा वाली , फिर उसी विषय के 10वीं और इस प्रकार पहले एक विषय को बारहवीं तक पूरा कीजिए फिर दूसरे विषय की किताब को आठवीं से शुरू कर के 12वीं तक खत्म कीजिए । उदाहरण के लिए आप पहले आठवीं कक्षा के इतिहास को पढ़िए, फिर 9 वीं कक्षा के इतिहास को पढ़िए , फिर 10 वीं कक्षा के इतिहास को पढ़िए , फिर ग्यारहवीं , फिर 12वीं और इस प्रकार एक बार जब इतिहास की सारी किताबें आपने पढ़ ली तब किसी और अन्य विषय जैसे भूगोल को शुरू कीजिए । मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि तैयारी के प्रथम चरण में आपको पढ़ने की आदत बनानी पड़ेगी और एक ही विषय की किताबों को कक्षा दर कक्षा लगातार पढ़ने से आप उत्सुकतावश पढ़ते जाएंगे । इससे दूसरा फायदा यह होगा कि जब आप एक विषय की आठवीं से बारहवीं तक की सारी किताबों को पढ़ चुके होंगे , तब उस विषय विशेष में आपका एक समुचित स्तर या आधार बन चुका होगा और फिर आप उस विषय के साथ पर्याप्त कंफर्टेबल हो चुके होंगे ।
            तीसरी बात आप यह ध्यान रखिए कि आप सरल विषय से शुरुआत कीजिए । ऐसा मत करिए कि सीधे सबसे पहले अर्थशास्त्र की किताब पढ़नी ही शुरू कर दी । क्योंकि किसी कठिन विषय से ही पढ़ने की शुरुआत करने से ऐसा हो सकता है कि चीजे ठीक से समझ में न आये और शुरुआत में ही पढ़ाई से मन उचटने लगे । वैसे भी UPSC की तैयारी एक हाई जंप की तरह नहीं होती कि एक  बार में ही कूद  गए , बल्कि सीढ़ियों की तरह होती है जिसे एक एक सीढ़ी करके चढ़ना होता है । मेरी राय में इतिहास की किताबों से पढ़ना शुरू किया जा सकता है । उसके बाद अपनी रुचि या बैकग्राउंड के आधार पर भूगोल या विज्ञान या राजनीति शास्त्र या अन्य कोई विषय को शुरू कीजिए । कहने का तात्पर्य बस यह है कि आप धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़े । सीढ़ियां जंप करने की कोशिश में अक्सर नुकसान ही होता है ।
              चौथी बात यह की कई बार लोग सोचते हैं कि मैंने तो इंजीनियरिंग किया है या मेरा बैकग्राउंड साइंस है तो मैं आठवीं नौवीं क्लास की साइंस की किताब को क्यों पढूँ । यह सब तो मुझे आता ही है । इसी प्रकार आर्ट्स बैकग्राउंड के लोग इतिहास भूगोल की किताबें पढ़ने में झिझकते या शर्माते हैं । मेरी राय में इन भूलों से बचिए । क्योंकि एनसीईआरटी की किताबों में कई ऐसी आधारभूत बातें मिल जाती हैं जो आपकी हायर स्टडीज में नहीं होती , लेकिन UPSC वैसी ही  बेसिक बातों पर सवाल पूछ देता है । इसलिए बिना झिझक या शर्म के NCERT की सारी किताबें पढ़ डालिए , विषयवार और कक्षा दर कक्षा । न हीं आप कक्षाएं जंप करिये न हीं विषय। हाँ , यह आपकी मर्जी है कि आप अपने पास उपलब्ध समय के अनुसार नोट्स या शार्ट नोट्स या पॉइंटेड नोट्स बनाना चाहें तो बनाएँ या ना बनाएँ ।
             NCERT की किताबों के बाद अगला बेसिक या शुरूआती चीज है  कोई भी एक राष्ट्रीय स्तर की खबरों की कवरेज देने वाला न्यूज़ पेपर या अखबार । बस यह ध्यान रखें कि आप  स्थानीय अखबारों का चुनाव ना करें । आप वैसे अखबार को ही वरीयता दें जो राष्ट्रीय स्तर की खबरों को पर्याप्त कवरेज देता है । अंग्रेजी माध्यम में The Hindu इस दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । हिंदी माध्यम में आप कोई भी अखबार चुन सकते हैं बस आप पढ़ते समय यह सावधानी जरूर बरतें कि स्थानीय खबरों पर समय ना दे या कम समय दे तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की खबरों पर विशेष ध्यान दें । अखबार पढ़ते समय भी आपका उद्देश्य समय बचाना और कम समय में ज्यादा आउटपुट पाना होना चाहिए । इसलिए आप अपने समय की उपलब्धता के आधार पर मुख्यपृष्ठ या प्रथम पृष्ठ तथा संपादकीय पृष्ठ जिन पर आलेख छपे रहते हैं, पर विशेष ध्यान दें तथा अन्य पृष्ठों को बस सरसरी निगाह से देखते हुए निपटा दे । आलेख पढ़ते हुए उस मुद्दे के विश्लेषण पर ध्यान दें तथा सिर्फ एक तठस्थ पाठक की तरह पढ़ने की बजाय खुद उस मुद्दे की विश्लेषण क्षमता अर्जित करने का प्रयास करें ।
             तैयारी की शुरुआत में आवश्यक तीसरी और अंतिम चीज है करंट अफेयर्स या समसामयिक मुद्दों का पर्याप्त विश्लेषण प्रस्तुत करने वाली एक मासिक पत्रिका । बाजार में कई सारी पत्रिकाएं उपलब्ध हैं लेकिन उनमें से कुछ ही UPSC के स्तर का कंटेंट या पाठ्य सामग्री उपलब्ध करा पाते हैं । अतः आप अपने आस पास उपलब्धता के आधार पर एक यूपीएससी की तैयारी के लिए ही समर्पित पत्रिका का चयन करें । पत्रिका ऐसी होनी चाहिए जो आपको सिर्फ खबरें ना परोसे बल्कि उन पर पर्याप्त विश्लेषण वाले आलेख तथा UPSC के लिए उपयोगी अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराएं ।
              अर्थात अब तक की सारी बातों के निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि एक बिगिनर को तैयारी की शुरुआत में तीन आयाम एक साथ लेकर चलने होते हैं ।पहला एनसीईआरटी की किताबें , दूसरा प्रतिदिन का  अखबार और तीसरा एक मासिक पत्रिका । अब प्रश्न उठता है कि इनमें समय का बँटवारा या टाइम मैनेजमेंट कैसे करें । मेरी सलाह तो यह होगी कि आप अखबार को सुबह-सुबह ही 30 से 40 मिनट समय देते हुए निपटा दें । उसमें जो महत्वपूर्ण ख़बरें या पॉइंट्स आपको मिले , आप उनको अपनी सुविधानुसार एक छोटे से नोट बुक पर नोट भी कर सकते हैं या छोड़ भी सकते हैं । इसके बाद प्रतिदिन कम से कम 2 घंटा एनसीईआरटी की किताबों पर अवश्य दें तथा अब इसके बाद आपके पास जितना समय बचता है उसे पत्रिका और NCERT में अपनी सुविधा और रुचि अनुसार बांटे । हाँ , यह बात अवश्य ध्यान रखें की मासिक पत्रिका आपको एक महीने के अंदर ही खत्म होनी चाहिए । ऐसा नहीं होना चाहिए कि पत्रिका खरीदे हुए आपको एक महीना बीत गया लेकिन आप अभी तक उसे पूरा पढ़ नहीं पाए हैं । तात्पर्य बस इतना है कि अगर आपने तैयारी की शुरुआत कर दी है तो  एक उसूल बनाइए कि कुछ भी बकाया नहीं रखना है । नया अंक आने के पहले पुराना अंक पढ़ कर खत्म कर देना है । जैसे आज का अखबार आज ही खत्म होगा । इस महीने की मैगजीन इस महीने ही खत्म होगी । यह उसूल तब भी लागू होगा जब आप कोई कोचिंग क्लास ज्वाइन करेंगे अर्थात अगर आज कक्षा में मैंने कोई चीज पढ़़ी है तो उसका रिवीजन मैं आज ही कर लूंगा । या अगर आज कक्षा में मुझे कोई पाठ्य सामग्री मिली है तो अगली पाठ्य सामग्री मिलने के पहले मैं इसको पढ़कर खत्म कर दूंगा । खैर कोचिंग ज्वाइन करने इत्यादि के बारे में हम किसी और आलेख में विस्तार से चर्चा करेंगे । फिलहाल हम वापस तैयारी के शुरुआत वाले विषय पर ही लौटते हैं ।
              तो अब तक की समस्त चर्चा का सार यह है की तैयारी की शुरुआत आपको GS पढ़ने से करनी चाहिए ,  आपको पढ़ने की आदत बनानी चाहिए तथा शुरुआत में ऐसी चीजें पढ़नी चाहिए जो आगे की पढ़ाई का आधार बनाएं । इस आधार निर्माण में एनसीईआरटी की किताबें अपनी प्रमुख तथा अपरिहार्य भूमिका निभाएंगी । इन किताबों के साथ आप प्रतिदिन एक राष्ट्रीय स्तर का अखबार और हर माह एक मासिक पत्रिका पढ़ने की आदत अभी से डालें और यह आदत जब तक आपका चयन नहीं हो जाता है तब तक बनी रहेगी ।  यूपीएससी की तैयारी में अखबार और मासिक पत्रिका की भूमिका अपरिहार्य है । ऐसा इसलिए क्योंकि UPSC साधारण प्रश्नों को भी करंट अफेयर्स के मुद्दों से जोड़़कर पूछता है  जिनका उत्तर आप तभी दे पाएंगे जब आप में करंट अफेयर्स के मुद्दों का विश्लेषण करने की क्षमता पर्याप्त हो और यह क्षमता अखबार के संपादकीय आलेखों और पत्रिका के आलेखों के अध्ययन और मनन से ही आती हैं।
          उम्मीद है अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी शुरू करना चाहते हैं तो यह आलेख आपको शुरुआत कराने में मददगार साबित होगा
#दीपेश कुमार

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